Barely half constructed bridge’मौत का रास्ता’ दिखाने पर फंसा गूगल
Barely half constructed bridge: गूगल मैप्स पर गलत दिशा दिखाने के कारण हुई दुर्घटनाओं के मामले में बड़ा मोड़ आया है। एक हालिया जांच में सामने आया कि खराब सड़क और दिशानिर्देशों की गड़बड़ी के लिए केवल तकनीकी प्लेटफॉर्म ही नहीं, बल्कि लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियर भी जिम्मेदार थे।
Barely half constructed bridge’मौत का रास्ता’ दिखाने पर फंसा गूगल
घटना तब सामने आई जब एक परिवार को गूगल मैप्स के निर्देशों पर भरोसा करके ‘मौत का रास्ता’ कहे जाने वाले एक खतरनाक इलाके से गुजरना पड़ा। वहां सड़क की हालत बेहद खराब थी, और परिणामस्वरूप वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जांच में यह खुलासा हुआ कि PWD के चार इंजीनियरों ने सड़क मरम्मत की जिम्मेदारी निभाने में घोर लापरवाही की थी। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने अब सड़क के पुनर्निर्माण और गूगल के साथ बेहतर समन्वय की योजना पर काम शुरू किया है।
यह मामला सड़क सुरक्षा और डिजिटल नेविगेशन के बीच तालमेल के महत्व को उजागर करता है।
सोमवार को दातागंज के नायब तहसीलदार छविराम ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि पुल का पहुंच मार्ग पिछले साल सितंबर में बह गया था। बावजूद, पीडब्ल्यूडी ने मजबूत अवरोधक, बैरिकेडिंग व सांकेतिक बोर्ड नहीं लगवाया। एक पतली दीवार से बंद कर दिया, जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ भी दिया था। कोई अवरोधक न होने से गूगल भी रास्ते को सही दिखा रहा था। इस पर पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ व अभिषेक कुमार, अवर अभियंता अजय गंगवार, महाराज सिंह व कई अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ शिकायत
Barely half constructed bridge’मौत का रास्ता’ दिखाने पर फंसा गूगल: बदायूं जिले के समरेर को बरेली के फरीदपुर से जोड़ने वाले अधूरे पुल से रविवार तड़के कार समेत नीचे गिरे तीन युवकों की मौत के मामले में पीडब्ल्यूडी के दो सहायक व दो अवर अभियंताओं समेत कई अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। बदायूं के दातागंज कोतवाली में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में नामजद अभियंताओं का निलंबन तय माना जा रहा है। वहीं, गलत रास्ता दिखाने के लिए गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ भी शिकायत की गई है। हालांकि, पुलिस ने मुकदमे में गूगल या उसके किसी अधिकारी को नामजद नहीं किया है। विवेचना में कुछ नाम बढ़ाए जा सकते हैं।
गुरुग्राम में सिक्योरिटी एजेंसी
गुरुग्राम में सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले आगरा के अमित सिंह (38) फर्रुखाबाद में रहने वाले अजीत कुमार (30) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) के साथ रविवार को कार से बरेली फरीदपुर में एक शादी में आ रहे थे। वह गूगल मैप की मदद से आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान बदायूं की दातागंज तहसील में बने पुल पर चढ़ गए। पुल आगे अधूरा था। यहीं से कार 20 फुट नीचे जा गिरी थी। तीनों की मौत हो गई थी।
पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की लापरवाही उजागर
मुख्य अभियंता अजय कुमार सोमवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने विभागीय मुख्यालय और शासन के अधिकारियों को हकीकत से अवगत कराया। अधीक्षण अभियंता को विभागीय जांच के आदेश दिए। अधीक्षण अभियंता केके सिंह ने स्थानीय लोगों के बयान लिए। विभागीय अभियंताओं का पक्ष भी सुना। हादसे रोकने के लिए पुल से पहले चार स्थानों पर अब कराई गई बैरिकेडिंग देखी।
जांच का विषय
अधीक्षण अभियंता ने यह जानने का प्रयास भी किया कि पुल पर आवागमन रोकने के लिए बनाई गई दीवार कब गिरी और किसने गिराई? दीवार गिरने के बाद तत्काल उसका संज्ञान नहीं लेने पर अभियंताओं से भी सवाल किया। पुल कब बना? कब से अधूरा है? उसे पूरा कराने के लिए अब तक क्या-क्या हुआ? आदि बिंदुओं पर उन्होंने छानबीन की। वह मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। इसके बाद शासन की ओर से अगली कार्रवाई की जाएगी।